Monday, 3 June 2024

दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे..!!

दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे,
जब कभी हम दोस्त हो जायें तो शर्मिंदा न हों।|

कोई हाथ भी न मिलाएगा, जो गले मिलोगे तपाक से..!!

कोई हाथ भी न मिलाएगा, जो गले मिलोगे तपाक से,
ये नए मिजाज का शहर है, जरा फ़ासले से मिला करो।|

Sunday, 13 August 2023

किसी के गिराने से सिकंदर नहीं गिरता..!!

किसी के गिराने से सिकंदर नहीं गिरता।
आसमाँ से टूट कर जमीं पर तारा नहीं गिरता।

और दरिया ही गिरा करते हैं जाके समंदर में।
समंदर जाके किसी दरिया में नहीं गिरता..!!

आज अचानक कोई मुझसे लिपट कर बहुत रोया..!!

आज अचानक कोई मुझसे लिपट कर बहुत रोया...
कुछ देर बाद एहसास हुआ ये तो मेरा ही साया है......!!

Wednesday, 31 May 2023

सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो..!!

सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो 
सभी हैं भीड़ में तुम भी निकल सको तो चलो

इधर उधर कई मंज़िल हैं चल सको तो चलो 
बने बनाये हैं साँचे जो ढल सको तो चलो

किसी के वास्ते राहें कहाँ बदलती हैं 
तुम अपने आप को ख़ुद ही बदल सको तो चलो

यहाँ किसी को कोई रास्ता नहीं देता 
मुझे गिराके अगर तुम सम्भल सको तो चलो

यही है ज़िन्दगी कुछ ख़्वाब चन्द उम्मीदें 
इन्हीं खिलौनों से तुम भी बहल सको तो चलो

हर इक सफ़र को है महफ़ूस रास्तों की तलाश 
हिफ़ाज़तों की रिवायत बदल सको तो चलो

कहीं नहीं कोई सूरज, धुआँ धुआँ है फ़िज़ा 
ख़ुद अपने आप से बाहर निकल सको तो चलो..!!

झूठी बुलंदियों का धुँआ पार कर के आ..!!

झूठी बुलंदियों का धुँआ पार कर के आ
क़द नापना है मेरा तो छत से उतर के आ |

इस पार मुंतज़िर हैं तेरी खुश-नसीबियाँ
लेकिन ये शर्त है कि नदी पार कर के आ |

कुछ दूर मैं भी दोशे-हवा पर सफर करूँ
कुछ दूर तू भी खाक की सुरत बिखर के आ |

मैं धूल में अटा हूँ मगर तुझको क्या हुआ
आईना देख जा ज़रा घर जा सँवर के आ |

सोने का रथ फ़क़ीर के घर तक न आयेगा
कुछ माँगना है हमसे तो पैदल उतर के आ..!!

Sunday, 8 January 2023

कितना मुश्किल सवाल पूछा है..!!

कितना मुश्किल सवाल पूछा है 
आज उसने मेरा हाल पूछा है..!!


वो जो तन्हा सा, परेशां सा है
इस दुनिया में दिले-नादां सा है

जाने क्या खो गया उसका अपना
अजनबी खुद से ही अंजान सा है

इस जमाने की भरी महफिल में
किसी कोने में रखे सामां सा है

कोरे कागज से उदास चेहरे पे
आंसुओं से लिखा बयां सा है..!!