Saturday, 25 February 2017

वक्त के पंजे से बचकर कोई कहाँ गया है..!!

वक्त के पंजे से बचकर कोई कहाँ गया है,

मिटटी से पूछिये सिकंदर कहाँ गया है..!!

नामाबर अपना हवाओं को बनाने वाले.!!

नामाबर अपना हवाओं को बनाने वाले
अब न आएँगे पलट कर कभी जाने वाले,

क्या मिलेगा तुझे बिखरे हुए ख़्वाबों के सिवा
रेत पर चाँद की तसवीर बनाने वाले..!!

बरसों से कायम है इश्क अपने उसूलो पर..!!

बरसों से कायम है इश्क अपने उसूलो पर,

ये कल भी तकलीफ देता था और ये आज भी तकलीफ देता है..!!

यहाँ सब खामोश है..!!

यहाँ सब खामोश है कोई भी आवाज़ नहीं करता,

सच बोलकर कोई किसी को नाराज़ नहीं करता..!!

Tuesday, 21 February 2017

उनकी मोहब्बत के अभी निशान बाकी हैं..!!

उनकी मोहब्बत के अभी निशान बाकी हैं,
नाम लब पर हैं मगर जान अभी बाकी हैं,

क्या हुआ अगर देख कर मूंह फेर लेते हैं वो..
तसल्ली हैं कि अभी तक शक्ल कि पहचान बाकी हैं..!!

तेरी चुप्पी ग़र…!!

तेरी चुप्पी ग़र…तेरी कोई
मज़बूरी है….
तो रहने दे…

इश्क़ कौन सा ज़रूरी है..!!