Tuesday, 23 September 2014

मुझसे बिछड़ के खुश रहते हो..!!

मुझसे बिछड़ के खुश रहते हो,
मेरी तरह तुम भी झूठे हो,

इक टहनी पर चाँद टिका था,
मैं ये समझा तुम बैठे हो,

उजले उजले फूल खिले थे,
बिल्कुल जैसे तुम हँसते हो,

मुझको शाम बता देती है,
तुम कैसे कपड़े पहने हो,

तुम तन्हा दुनिया से लडोगे,
बच्चों सी बातें करते हो,

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