वक्त के पंजे से बचकर कोई कहाँ गया है,
मिटटी से पूछिये सिकंदर कहाँ गया है..!!
"वक्त बड़ा आजीब होता है इसके साथ चलो तो किस्मत बदल देता है, न चलो तो किस्मत को ही बदल देता है..!!
नामाबर अपना हवाओं को बनाने वाले
अब न आएँगे पलट कर कभी जाने वाले,
क्या मिलेगा तुझे बिखरे हुए ख़्वाबों के सिवा
रेत पर चाँद की तसवीर बनाने वाले..!!
उनकी मोहब्बत के अभी निशान बाकी हैं,
नाम लब पर हैं मगर जान अभी बाकी हैं,
क्या हुआ अगर देख कर मूंह फेर लेते हैं वो..
तसल्ली हैं कि अभी तक शक्ल कि पहचान बाकी हैं..!!