Saturday 12 June 2021

मांग लूँ यह मन्नत की फिर यही जहाँ मिले..!!

मांग लूँ यह मन्नत की फिर यही जहाँ 
मिले...
फिर वही गोद , 
फिर वही 'माँ' मिले..!!

हर बार ये इल्ज़ाम रह गया..!!

हर बार ये  इल्ज़ाम रह गया..!
हर काम में कोई  काम रह गया..!

नमाज़ी उठ उठ कर चले गये मस्ज़िदों से..!
दहशतगरों के हाथ में इस्लाम रह गया..!!