Sunday 8 January 2023

कितना मुश्किल सवाल पूछा है..!!

कितना मुश्किल सवाल पूछा है 
आज उसने मेरा हाल पूछा है..!!


वो जो तन्हा सा, परेशां सा है
इस दुनिया में दिले-नादां सा है

जाने क्या खो गया उसका अपना
अजनबी खुद से ही अंजान सा है

इस जमाने की भरी महफिल में
किसी कोने में रखे सामां सा है

कोरे कागज से उदास चेहरे पे
आंसुओं से लिखा बयां सा है..!!

जख्म पा कर सिर झुका देता हूँ ..!

जख्म पा कर सिर झुका देता हूँ !

जाने कौन पत्थर ख़ुदा बन जाये..!!