Sunday 2 April 2017

सूरज ढला तो कद से ऊँचे हो गए साये..!!

सूरज ढला तो कद से ऊँचे हो गए साये,

कभी पैरों से रौंदी थी, यहीं परछाइयां हमने..!!

No comments:

Post a Comment