Saturday 12 December 2020

बुरे वक़्तो में तुम मुझसे न कोई राब्ता रखना..!!

बुरे वक़्तो में तुम मुझसे न कोई राब्ता रखना
मैं घर को छोड़ने वाला हूँ अपना जी कड़ा रखना

जो बा हिम्मत हैं दुनिया बस उन्हीं का नाम लेती है
छुपा कर ज़ेहन में बरसो मेरा ये तजरूबा रखना

जो मेरे दोस्त हैं अकसर मैं उन लोगों से कहता हूँ
कि अपने दुश्मनों के वास्ते दिल में जगह रखना

मेरे मालिक मुझे आसनियों ने कर दिया बुज़दिल
मेरे रास्ते में अब हर गाम पर इक मरहला रखना

मैं जाता हूँ मगर आँखों का सपना बन के लौटूगा
मेरी ख़ातिर कम-अज-कम दिल का दरवाज़ा खुला रखना..!!

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