Tuesday 20 August 2013

क्या हो गया ज़रा देश का हाल तो देखो..!!



बहुत हुआ अपना अपना घर बार, माँ का प्यार दुलार
क्या हो गया ज़रा देश का हाल  तो देखो
क्या कर लेगा अकेला अन्ना, कहते थे सियासी गलियारे
एक बुड़े ने बदल दी युवाओं  की चाल तो देखो

होसलों के खजानों को खंगाल कर तो देखो
अपनी रगों के लहू को उबाल कर तो देखो
झुक जाएगा आसमाँ, कदम चूमेगी मंजिले
अपनी आँखों मे सपनो को पाल कर तो देखो

सत्ता के नशे मे चूर कितना इन्सान तो देखो
भ्रस्टाचार की अग्नि मे जल रहा अरमान तो देखो
इरादों  मे  होती है  जीत, ताकतों मे नहीं
बुंद बुंद बढता, होसलों  का तूफान तो देखो

सत्तायें पलट सकती है, तस्वीरें बदल सकती है
भटके हैं रास्ते मगर, मंजिले फिर भी मिल सकती है
ज़रा बदल कर अपनी चाल तो देखो
क्या हो गया ज़रा देश  का हाल  तो देखो..!!

No comments:

Post a Comment