Tuesday 21 January 2014

जो बीत गई सो बात गई..!!



जीवन में एक सितारा था
माना बेहद वो प्यारा था
यह डूब गया तो डूब गया
अम्बर के आनन को देखो
कितने इसके तारें टूटे
कितने इसके प्यारे छूटे
जो छुट गए फिर कहा मिले
पर बोलो टूटे तारो पर
कब अम्बर शोक मनाता हैं
जो बीत गई सो बात गई

जीवन में वह था एक कुसुम
थे उस पर नित्य न्योछावर तुम
वह सुख गया तो सुख गया
मधुबन की छाती को देखो
सुखी इसकी कितनी कलियाँ
मुरझाई कितनी बल्लारियां
जो मुरझाई फिर कहाँ खिली
पर बोलो सूखे फूलो पर
कब मधुबन शोर मचाता हैं
जो बीत गई सो बात गई

जीवन में मधु का प्याला था
तुमने तन मन दे डाला था
वह टूट गया तो टूट गया
मदिरालय का आंगन देखो
कितने प्याले हिल जाते हैं
गिर मिटटी में मिल जाते हैं
जो गिरते है कब उठते हैं
पर बोलो टूटे प्यालो पर
कब मदिरालय पछताता हैं
जो बीत गई सो बात गई

मृदु मिट्टी के हैं बने हुए
मधु घट फूटा ही करते हैं
लघु जीवन लेकर आये हैं
प्याले टूटा ही करते हैं
फिर भी मदिरालय के अंदर
मधु के घट हैं मधु प्याले हैं
जो मादकता के मारे हैं
वे मधु लूटा ही करते हैं
वह कच्चा पीने वाला हैं
जिसकी ममता घट प्यालो पर
जो सच्चे मधु से जला हुआ
कब रोता हैं चिल्लाता हैं
जो बीत गई सो बात गई.

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