Tuesday 23 September 2014

इश्क की दास्तान है प्यारे..!!

इश्क की दास्तान है प्यारे,
अपनी-अपनी, जुबां है प्यारे

हम ज़माने से इंतकाम तो ले
एक हसीं दरमियान है प्यारे

तू नहीं मैं हूँ, मैं नहीं तू है
अब कुछ ऐसा गुमान है प्यारे

रख कदम फूंक-फूंक कर नादान
ज़र्रे-ज़र्रे में जान है प्यारे..!!

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