जब साफगोई को फैशन बना लिया मैंने
हर एक शख्स को दुशमन बना लिया मैंने,
हुई न पूरी जरूरत जब चार पैसों की
तो अपनी जेब को दामन बना लिया मैंने,
शबे-फिराक* शबे-वसल* में हुई तब्दील
खयाले-यार को दुल्हन बना लिया मैंने,
चमन में जब ना इज़ाज़त मिली रिहाइश की
तो बिज़लीयों में नशेमन बना लिया मैंने..!!
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