Saturday 25 October 2014

जो लोग जन-बुझाकर नादान बन गए..!!

जो लोग जन-बुझाकर नादान बन गए
मेरा ख्याल है की वो इन्सान बन गए ॥


हसंते हैं हमको देख के अखाबे-आगही
हम आपके मिजाज की पहचान बन गए ॥


मंझदार तक पहुंचना तो हिम्मत की बात थी
साहिल के आस पास ही तूफान बन गए ॥


इंसानियत की बात तो इतनी है शेख जी
बद्केश्मतो से आप भी इन्सान बन गए ॥


कांटे बहुत थे दमन-फितरत में ऐ अदम
कुछ फूल और कुछ मेरे अरमान बन गए ॥

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