जो लोग जन-बुझाकर नादान बन गए
मेरा ख्याल है की वो इन्सान बन गए ॥
हसंते हैं हमको देख के अखाबे-आगही
हम आपके मिजाज की पहचान बन गए ॥
मंझदार तक पहुंचना तो हिम्मत की बात थी
साहिल के आस पास ही तूफान बन गए ॥
इंसानियत की बात तो इतनी है शेख जी
बद्केश्मतो से आप भी इन्सान बन गए ॥
कांटे बहुत थे दमन-फितरत में ऐ अदम
कुछ फूल और कुछ मेरे अरमान बन गए ॥
मेरा ख्याल है की वो इन्सान बन गए ॥
हसंते हैं हमको देख के अखाबे-आगही
हम आपके मिजाज की पहचान बन गए ॥
मंझदार तक पहुंचना तो हिम्मत की बात थी
साहिल के आस पास ही तूफान बन गए ॥
इंसानियत की बात तो इतनी है शेख जी
बद्केश्मतो से आप भी इन्सान बन गए ॥
कांटे बहुत थे दमन-फितरत में ऐ अदम
कुछ फूल और कुछ मेरे अरमान बन गए ॥
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