Friday 17 October 2014

उसका चेहरा भी सुनाता हैं कहानी उसकी..!!

उसका चेहरा भी सुनाता हैं कहानी उसकी;
चाहता हूँ कि सुनूं उससे जुबानी उसकी;
वो सितमगर है तो अब उससे शिकायत कैसी;
क्योंकि  सितम करना भी आदत हैं पुरानी उसकी,

वो रूठे इस कदर की मनाया ना गया;
दूर इतने हो गए कि पास बुलाया ना गया;
दिल तो दिल था कोई समंदर का साहिल नहीं;
लिख दिया था जो नाम वो फिर मिटाया ना गया,

चाहत  में जिस की जमाने को भुला रखा है,
ये मालुम नहीं किसे उसने दिल में बसा रखा है,
ये मालुम है की वो आसमाँ है और मै जमीन,
फिर भी आँखों में उसी का सपना सजा रखा है,

गुलसन है अगर सफ़र जिंदगी का, तो इसकी मंजिल समशान क्यों है ?
जब जुदाई है प्यार का मतलब, तो फिर प्यार वाला हैरान क्यों है ?
अगर जीना ही है मरने के लिए, तो जिंदगी ये वरदान क्यों है ?
जो कभी न मिले उससे ही लग जाता है दिल,
आखिर ये दिल इतना नादान क्यों है..!!

अगर वो मांगते हम जान भी दे देते,
मगर उनके इरादे तो कुछ और ही थे,
मांगी तो प्यार की हर निशानी वापिस मांगी,
मगर देते वक़्त तो उनके वादे कुछ और ही थे,

ए खुदा आज ये फ़ैसला कर दे, 
उसे मेरा या मुझे उसका कर दे.
बहुत दुख सहे हे मैने, 
कोई ख़ुसी अब तो मूक़दर कर दे.
बहुत मुश्किल लगता है उससे दूर रहना, 
जुदाई के सफ़र को कम कर दे.
जितना दूर चले गये वो मुझसे, 
उसे उतना करीब कर दे.
नही लिखा अगर नसीब मे उसका नाम, 
तो ख़तम कर ये ज़िंदगी और मुझे फ़ना कर दे..!!

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