Saturday 25 October 2014

कौन था जो..!!

कौन था जो मुझको पहचान देकर चल दिया
वेरिदा तहरीर को उन्वान देकर चल दिया ॥

भूखे बच्चो को केवल हसरत थी वासर रोटिंया
मैं उन्हें पत्थर का एक भगवन देकर चल दिया ॥

आख़िरी रात के सफर में गैर भी कुछ साथ थे
अपनेपन का मैं उन्हें सम्मान देकर चल दिया ॥

उसने शिरकत की थी अश्को की तिजारत में मगर
तनहा मुझको छोड़कर नुकसान देकर चल दिया ॥

सर्द संनाहे में दिल को आरजू थी गीत की
राज था कौन जो तूफान देकर चल दिया ॥

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